How did Jana Gana Mana become National Anthem of India? (Hindi)

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How did jana gana mana become the national anthem of India?


भारत और चीन जैसे 130 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाला देश हो या केवल 9000 लोगो की आबादी वाला तुवालु जैसा छोटा देश हो। उन सभी देशवासियों के लिए उनका राष्ट्रीय गान उनके दिल में एक विशेष जगह रखता है।

राष्ट्रीय गान के प्रत्येक शब्द देश के लिए कुछ करने के लिए हमारा हौसला बढ़ाते है। हमारा राष्ट्रीय गान " जन गण मन " जिसे सुनकर हमें गर्व होता है और हमारा देश के प्रति सम्मान ओर बढ़ जाता है। वह हमें  महसुस कराता है की हम सब एक भारतीय है।

3 मार्च को ' राष्ट्रीय गान दिवस ' है और में आपको बताउगा की " जन गण मन " हमारा राष्ट्रीय गान कैसे बना। 

1911 की साल थी। बंगाल के विभाजन को आधे दशक से भी ज्यादा समय हो चूका था।  मोहनदास करमचंद गांधी, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता लड़ाई को ठोस एक दिशा दी थी, अभी उन्हें भारत आने में चार साल बाकी थे।

11 दिसंबर की सुबहे, एक सफेद दाढ़ी वाले व्यक्ति कुछ लिख रहे थे। यह सफेद दाढ़ी वाले व्यक्ति एक अधिक मूल्यवान रचना तैयार कर रहे थे। इस निर्माता ने यह कभी नहीं सोचा होगा कि उनकी रचना एक स्वतंत्र देश की राष्ट्रीय गान बनने वाली है। यह रचना हमारा राष्ट्रीय गान 'जन गण मन' और उसके निर्माता रवींद्रनाथ टैगोर थे।


28 फरवरी, 1919  को, टैगोर ने आंध्र प्रदेश के मदनपल्ली में  थियोसोफिकल कॉलेज की मुलाकात की थी। वहा  छात्रों की उपस्थिति में,  टैगोर ने 'जन गण मन ....'  गाया। इस गान को सुनकर  उपस्थित सभी लोग बहुत खुश हुए थे और कॉलेज ने सुबह की प्रार्थना में इसे शामिल किया था।

एक दिलचस्प बात यह भी  है कि 1943  में, सुभाष चंद्र बोस ने 'जन गण मन ...'  को हिंदी में  " शुभ सुख चेन की बरखा  बारसे "  तैयार किया था। 14 अगस्त 1947 की आधी रात को  भारत को  स्वतंत्रता मिली, तब  ऐतिहासिक सत्र वंदे मातरम से शुरू हुआ और इसे 'जन गण मन ...' के साथ संपन्न किया गया। 

संविधान समिति को भारत का राष्ट्रीय गान चुनने का कार्य सौंपा गया था। संविधान समिति के अंतिम सत्र में 24 जनवरी 1950 को  भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने  'जन गण मन'  राष्ट्रीय गान और  'वंदे मातरम' को राष्ट्रीयगीत घोषित किया। 

राष्ट्रपति ने अंत में  राष्ट्रीयगान गाना का अनुरोध किया। उस समय, स्वतंत्रता सेनानी  अरुणा असफ अली की छोटी बहन पूर्णिमा बनर्जीने ,  पहली बार आधिकारिक तोर पर  राष्ट्रीय गान गवाया  था। 

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